जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार: हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले कुछ विश�… Read More


बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार: हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले कुछ विशेष ध�… Read More


छूटहि बन्दि महा सुख होई ॥३८॥ जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥१॥ राम दूत अतुलित बल धामा ।तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१�… Read More


मधुमधुरे मधुकैटभगञ्जिनि कैटभभञ्जिनि रासरतेजय जय जप्य जयेजयशब्द परस्तुति तत्परविश्वनुतेसमरविशोषित शोणितबीज समुद्भवशोणित बीजलत… Read More


व्यापुनि अवघे विश्व म्हणती तुज उरला॥१॥जय देव, जय देव, जय मंगलमूर्ती, हो, श्री मंगलमूर्तीविठ्ठसुत बलवत्वकवि ध्यातो भवाब्धि तरण्याला�… Read More